कक्षा 11 भूगोल अध्याय 5: खनिज और चट्टानें (खनिज और शैलें) | भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत | Class 11 Geography Chapter 5 Notes

 

🌍 अध्याय – 5

खनिज और चट्टानें (खनिज और शैलें)


🧩पृथ्वी पर तत्व (पृथ्वी पर तत्त्व)

  • हमारी पृथ्वी विभिन्न प्रकार के तत्वों से बनी है ।

  • ये तत्व पृथ्वी की भूपर्पटी में अलग-अलग पाए जाते हैं और साथ ही संयुक्त होकर विभिन्न पदार्थ बनाते हैं

📌 पृथ्वी की 98% परत 8 तत्वों से बनी है:

  1. ऑक्सीजन (ऑक्सीजन)

  2. सिलिकॉन (सिलिकॉन)

  3. एल्युमिनियम (एल्यूमीनियम)

  4. लोहा

  5. कैल्शियम (कैल्शियम)

  6. सोडियम (सोडियम)

  7. पोटेशियम (पोटेशियम)

  8. मैग्नीशियम (मैग्नीशियम)

➡️ इन तत्वों के संयोजन से विभिन्न प्रकार के खनिज (खनिज) बनते हैं, जिसका मुख्य कारण मैग्मा (मैग्मा का ठंडा होना) है


⛏️ खनिज (खनिज)

  • खनिज एक प्राकृतिक (प्राकृतिक) अकार्बनिक (अजैविक) पदार्थ है जिसमें:
    ✔️ क्रमबद्ध परमाणु संरचना (सुसंगठित परमाणुविक) संरचना
    ✔️ निश्चित रासायनिक संघटन (निश्चित रासायनिक संघटन)
    ✔️ विशिष्ट भौतिक गुण (विशेष भौतिक गुण)

📌 पृथ्वी की पपड़ी में लगभग 2000 प्रकार के खनिजों की पहचान की गई है।


🔑 कुछ प्रमुख खनिज (प्रमुख खनिज)

1️⃣ फेल्डस्पार (फेल्डस्पार)

  • सिलिकॉन + ऑक्सीजन से बना है ।

  • पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 50% हिस्सा है ।

  • रंग: हल्के क्रीम से गुलाबी तक

  • उपयोग: चीनी मिट्टी (चीनी मिट्टी) और कांच बनाना।

2️⃣ क्वार्ट्ज (क्वार्ट्ज)

  • रंग: सफेद या रंगहीन

  • पानी में बहुत कठोर (कठोर) और अघुलनशील (अघुलनशील)

  • उपयोग: रेडियो और रडार उपकरण।

3️⃣ पाइरॉक्सीन (पाइरॉक्सिन)

  • पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 10% हिस्सा है ।

  • इसमें कैल्शियम, एल्युमीनियम, मैग्नीशियम, आयरन और सिलिका शामिल हैं ।

  • उल्कापिंड (उल्कापिंड) में आम है ।

  • रंग: हरा या काला .

4️⃣ अभ्रक (सिलिकेट खनिज)

  • पृथ्वी की लगभग 4% सतह पर पाया जाता है ।

  • इसमें पोटेशियम, लोहा, एल्यूमीनियम, मैग्नीशियम और सिलिका शामिल हैं ।

  • उपयोग: विद्युत उपकरण (विद्युत उपकरण)।

  • आग्नेय (अग्निज) एवं ग्रेनाइट चट्टानों (ग्रेनाइट शैल) में पाया जाता है ।

5️⃣ एम्फिबोल (एम्फिबोल)

  • मुख्य तत्व: एल्युमीनियम, कैल्शियम, सिलिका, लोहा, मैग्नीशियम

  • पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 7% हिस्सा है ।

  • रंग: हरा या काला .

  • उपयोग: एस्बेस्टस उद्योग (एस्बेस्टस उद्योग)।

  • हॉर्नब्लेंड भी एक प्रकार का एम्फिबोल है।

6️⃣ ओलिविन (ओलिविन)

  • मुख्य तत्व: मैग्नीशियम, लोहा और सिलिका

  • हरे रंग के क्रिस्टल (स्फटिक) के रूप में दिखाई देता है ।

  • बेसाल्टिक चट्टानों (बेसाल्टिक शैल) में पाया जाता है ।

  • उपयोग: आभूषण (आभूषण)।


🔹 खनिजों के प्रकार (खनिजों के प्रकार)

1️⃣ धात्विक खनिज (धात्विक खनिज)

  • इन खनिजों में धातुओं के अंश (धातु के अंश) होते हैं

  • इन्हें पिघलाकर पुन: उपयोग में लाया जा सकता है।

  • में बांटें:

    • लौहधात्विक खनिज → लोहा, मैंगनीज।

    • अलौह धात्विक खनिज → तांबा, सीसा, एल्युमिनियम आदि।

2️⃣ अधात्विक खनिज (अधात्विक खनिज)

  • इसमें कोई धातु सामग्री (धातु तत्व) न हो ।

  • पिघलाया नहीं जा सकता (गलाया नहीं जा सकता)

  • केवल एक बार ही उपयोग किया जा सकता है।

  • उदाहरण: सल्फर (गंधक), फॉस्फेट (सोसाइटी), नाइट्रेट (नाइट्रेट)।


⚡ खनिजों के भौतिक गुणों को परिभाषित करने वाले कारक

(खनिजों के भौतिक गुण और प्रकृति के गुण)

  1. क्रिस्टल का बाहरी स्वरूप (स्फटिक का बाहरी रूप)

  2. निकासी (निकर्षण)

  3. Clevage/Partition (विडलन)

  4. चमक/चमक

  5. रंग

  6. पारदर्शिता (पारदर्शिता)

  7. Hardness (कठोरता)

  8. विशिष्ट गुरुत्व / सापेक्ष भार (सापेक्ष भार)

  9. लकीर/धारियाँ (रेखाएं)

  10. संरचना (संरचना)


🪨 Rocks (शैलें)

  • पृथ्वी का ऊपरी भाग चट्टानों (शैलें) से बना है

  • चट्टानें एक या अधिक खनिजों (एक या अधिक खनिज) से बनती हैं ।

  • रेंज: साधारण मिट्टी (साधारण मिट्टी) से लेकर कठोर चट्टानें (कठोर शैलें) तक ।


🏔️ चट्टानों के प्रकार (शैलों के प्रकार)

1️⃣ आग्नेय चट्टानें (अग्निज चट्टानें)

  • इसे प्राथमिक चट्टानें (प्राथमिक शैलें) भी कहा जाता है ।

  • लावा और मैग्मा के ठंडा होने से बनता है (लावा मैग्मा के शीतलन से)

  • अभेद्य → जल आर-पार नहीं जा सकता।

  • कोई जीवाश्म नहीं (जीवाश्म नहीं मिलता)

  • उदाहरण: ग्रेनाइट (ग्रेनाइट), गैब्रो (गैब्रो), बेसाल्ट (बेसाल्ट)।


2️⃣ अवसादी शैलें (Sedimentary Rocks)

  • शब्द तलछट (अवसाद) → लैटिन शब्द जिसका अर्थ है बसना

  • नदियों, हवाओं, ग्लेशियरों द्वारा सामग्री के जमाव (अवसादन) से निर्मित ।

📌 वर्गीकरण:

  1. यंत्रवत् निर्मित (यांत्रिक रूप से निर्मित) → बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, शैल।

  2. जैविक रूप से निर्मित (जैविक रूप से निर्मित) → चाक, कोयला।

  3. रासायनिक रूप से निर्मित (रासायनिक रूप से निर्मित) → पोटाश, हैलाइट।


3️⃣ रूपांतरित चट्टानें (रूपांतरित चट्टानें)

  • रूपान्तरण = रूप परिवर्तन

  • दबाव (दबाव), तापमान (तापमान) और आयतन (आयतन) में परिवर्तन से बनता है ।

  • जब अवसादी चट्टानें गर्मी और दबाव के अधीन होती हैं ( प्लेटों की गति / फिसलन के कारण ) → तो वे नई चट्टानों में बदल जाती हैं।

  • उदाहरण:

    • चूना पत्थर → संगमरमर

    • शेल → स्लेट

    • कोयला → ग्रेफाइट


🔥 रूपान्तरण के प्रकार (Types of Metamorphism)

1️⃣ गतिशील कायांतरण (गतिशील रूपांतरण)

  • मूल चट्टानों के टूटने और पीसने (टूटना और पीसना) के कारण होता है ।

  • यांत्रिक बलों के तहत चट्टानों का पुन: निर्माण (पुनः निर्मित) होता है।

2️⃣ थर्मल मेटामोर्फिज्म (ऊष्मीय रूपांतरण)

  • मूल चट्टानों में रासायनिक परिवर्तन (रासायनिक परिवर्तन) और पुन: क्रिस्टलीकरण (पुनः क्रिस्टलीकरण) शामिल है ।

3️⃣ प्रादेशिक कायापलट (क्षेत्रीय रूपांतरण)

  • उच्च तापमान (उच्च तापमान) और उच्च दबाव (अतिधिक दबाव) के कारण होता है ।

  • विशाल क्षेत्र की चट्टानों को प्रभावित करता है ।

4️⃣ संपर्क मेटामोर्फिज्म (संपर्क रूपांतरण)

  • परिवर्तन तब होता है जब चट्टानें गर्म लावा के संपर्क में आती हैं (गर्म लावा से संपर्क)


🪨आग्नेय चट्टानों को प्राथमिक चट्टानें क्यों कहा जाता है? (अग्निज शैलें प्राथमिक शैलें क्यों कहलाती हैं?)

  • आग्नेय चट्टानें पृथ्वी पर सबसे पुरानी चट्टानें (सबसे प्राचीन चट्टानें) हैं।

  • प्रारंभ में, पृथ्वी की सतह पर मैग्मा (लावा/मैग्मा) पिघले हुए रूप में था।

  • मैग्मा के ठंडा होने और जमने (शीतलन और ठोसकरण) से → आग्नेय चट्टानों का निर्माण हुआ।

  • वे पहली चट्टानें (प्रथम चट्टानें) थीं , इसलिए उन्हें प्राथमिक चट्टानें (प्राथमिक शैलें) कहा जाता है

  • बाद में इन चट्टानों से अवसादी (अवसादी) और रूपांतरित (मेटामॉर्फिक) चट्टानों का विकास हुआ।


🎨 बैंडेड चट्टानें (पट्टिकाकृत चट्टानें)

  • कभी-कभी खनिज (खनिज) या कण (कण) परतों (परतें) में व्यवस्थित होते हैं ।

  • वे बारी-बारी से हल्के और गहरे रंगों (हल्के और गहरे रंग) में दिखाई देते हैं।

  • कायांतरित चट्टानों में ऐसी संरचनाओं को बैंडिंग (पट्टिकारण) कहा जाता है

  • इस गुण को दर्शाने वाली चट्टानों को बैंडेड चट्टानें (पट्टिकाकृत शैलें) कहा जाता है


🔄 शैल चक्र (शैल चक्र)

  1. आग्नेय चट्टानें (अग्निज चट्टानें) सबसे पहले बनती हैं।

  2. अपक्षय और अपरदन उन्हें अवसाद (अवसाद) में बदल देते हैं अवसादी चट्टानें (अवसाद शैलें) बनाते हैं

  3. गर्मी और दबाव के तहत, आग्नेय + अवसादी रूपांतरित चट्टानें (रूपांतरित चट्टानें)

  4. अधिक गहराई पर अवसादी/कायांतरित चट्टानें पिघलकर वापस मैग्मा में परिवर्तित हो जाती हैं , जिससे नई आग्नेय चट्टानें बनती हैं।

📌 परिभाषा:

👉 एक प्रकार की चट्टान को दूसरे में परिवर्तित करने की निरंतर प्रक्रिया को शैल चक्र कहा जाता है।

➡️ यह एक चक्रीय एवं सतत प्रक्रिया (सतत् एवं चक्रीय प्रक्रिया) है


🏗️ रॉक बिल्डिंग (शैल निर्माण)

  • नदियों और हवाओं जैसे अपरदन कारक (अक्षय कारक) अपक्षयित पदार्थ (अपक्षयित पदार्थ) जमा करते हैं

  • संपीड़न और दबाव के कारण , ये जमा चट्टानों में कठोर हो जाते हैं।

  • इस प्रक्रिया को रॉक बिल्डिंग (शैल निर्माण) कहा जाता है


✍️ फोलिएशन / रेखांकन (पत्तारण / रेखांकन)

  • कायापलट के दौरान चट्टानों के खनिज (खनिज) परतों या रेखाओं (परतों या पत्थरों में) में व्यवस्थित हो जाते हैं

  • इस संरेखण को फोलिएशन (पर्णन) या लाइनेशन (रेखांकन) कहा जाता है


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