कक्षा 7 इतिहास – अध्याय 2 Important Questions Answers | नए राजा और राज्य (New Kings and Kingdoms)

 

📘 कक्षा 7 इतिहास – अध्याय 2

नए राजा और राज्य


❓ प्रश्न 1.

7वीं शताब्दी के बाद नई राजवंशों का उदय कैसे हुआ?
उत्तर:

  • स्थानीय ज़मींदार और योद्धा शक्तिशाली हुए।

  • उन्होंने स्वयं को राजा घोषित कर दिया।

  • यज्ञ आदि अनुष्ठानों द्वारा वैधता प्राप्त की।

  • उदाहरण – राष्ट्रकूट, चोल, पाल वंश।


❓ प्रश्न 2.

इन नए राज्यों की आय के मुख्य स्रोत क्या थे?
उत्तर:

  • भूमि कर (फसल का लगभग 1/6 हिस्सा)।

  • अधीन राज्यों से कर और उपहार (tribute)

  • व्यापारियों व बाजारों पर कर


❓ प्रश्न 3.

“समंत” (Samantas) की भूमिका क्या थी?
उत्तर:

  • समंत राजा के अधीनस्थ बड़े ज़मींदार थे।

  • वे कर देते और सेना उपलब्ध कराते।

  • समय के साथ कई समंत स्वयं स्वतंत्र शासक बन गए।


❓ प्रश्न 4.

राष्ट्रकूट कौन थे? वे कैसे शक्तिशाली बने?
उत्तर:

  • राष्ट्रकूट पहले चालुक्यों के समंत थे।

  • बाद में उन्होंने अपने स्वामी को पराजित किया।

  • दक्षिण भारत (दक्कन) में साम्राज्य स्थापित किया।

  • एलोरा की शैलकृत गुफाएँ बनवाईं।


❓ प्रश्न 5.

मंदिर राजा के लिए क्यों महत्वपूर्ण थे?
उत्तर:

  • मंदिर = धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र

  • राजा भूमि व सोना दान करके अपनी भक्ति और शक्ति दर्शाते थे।

  • मंदिर = आर्थिक, शैक्षणिक और कलात्मक केंद्र

  • उदाहरण – चोल वंश का बृहदेश्वर मंदिर


❓ प्रश्न 6.

चोल प्रशासन की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:

  • ग्राम प्रशासन मजबूत था।

  • स्थानीय सभाएँ जैसे ऊर, सभा, नगरम् गाँव के कामकाज संभालती थीं।

  • कर वसूलना, सिंचाई बनाए रखना, विवाद सुलझाना।

  • उदाहरण – उत्तरमेरूर के शिलालेख से जानकारी मिलती है।


❓ प्रश्न 7.

भूमि दान का क्या महत्व था?
उत्तर:

  • भूमि दान ब्राह्मणों, मंदिरों और अधिकारियों को दिए जाते थे।

  • इससे धर्म और शिक्षा को बढ़ावा मिला।

  • अधिकारियों व समंतों की निष्ठा बनी रही।


❓ प्रश्न 8.

चोल शासकों ने अपने साम्राज्य पर नियंत्रण कैसे रखा?
उत्तर:

  • शक्तिशाली सेना और नौसेना रखी।

  • बंगाल की खाड़ी के व्यापार मार्गों पर नियंत्रण।

  • गाँवों में स्थानीय स्वशासन को प्रोत्साहित किया।


❓ प्रश्न 9.

चोल साम्राज्य में व्यापारियों की क्या भूमिका थी?
उत्तर:

  • व्यापारी गिल्ड (संघ) बनाकर कार्य करते थे।

  • श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ विदेशी व्यापार

  • धनी बने और मंदिरों को दान भी दिया।


❓ प्रश्न 10.

इस काल को जानने में शिलालेख क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर:

  • शिलालेखों से भूमि दान, कर, मंदिर और राजाओं की जानकारी मिलती है।

  • युद्ध, विजय और प्रशासन की सूचनाएँ मिलती हैं।

  • उदाहरण – प्रशस्तियाँ (राजाओं की प्रशंसा हेतु रचित)।


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